Feb 01 2019
गॉल ब्लैडर स्टोन पित्त की पथरी भी कहते हैं। इसमें पित्ताशय में दो तरह की पथरी बनती है।
कैसे बनती है पथरी पित्त (गॉल ब्लैडर) में
पहली कोलेस्ट्रोल यानि ज़्यादा फैटी चीज़ो से बनती है ,
दूसरी पिग्मेन्ट से बननेवाली पथरी। जिसमें से लगभग 80 प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्रोल तत्व से ही बनती है।
जब हम खाना कहते है तो उसकी पाचन का ज़्यादातर काम लिवर करता है
लिवर के पास दाहिने तरफ एक पीआर (नासपाती) के आकर का होता है
जो फैटी चीज़े हम कहते है वो लिवर से पाचन होकर गॉलब्लेडर (पित्त) में स्टोर हो जाती है

जब इस पित्त में कोलेस्ट्रोल और बिलरुबिन की मात्रा अधिक हो जाती है, तो पथरी बनने की स्थिति बन जाती है। और पथरी बनना शुरू हो जाती है
लेकिन खानपान की समस्या इसमें प्रमुख कारण है। मोटापे के अलावा यह बीमारी वंशानुगत (खानदानी ) भी है। गर्भवती महिलाये
या जो महिलाये गर्भ निरोधक गोली लेती है उन महिलाओं को स्टोन बनने का ज्यादा अंदेशा रहता है।
गॉल स्टोन दवाओं से भी डिजॉल्व किया जा सकता है
दूध से बनी चीज़े ज़्यादा न खाये कम ही ले
मांस न खाये जिसमे ज़्यादा चर्बी होती है
ज़्यादा पानी पिए
आप सेब का रस पिए उसमे एक चम्मच एप्पल विनेगर को मिक्स करके सुबह शाम ले
अंकुरित चने खाये
व्हीट ग्रास जूस पिए
गाजर का और चकुंदर का जूस पिए
फ्रेश फ्रूट्स और वेजटेबल्स खाये
ओलिव आयल और सनफ्लॉवर आयल का इस्तेमाल खाने में करे